14 September 2024
हिन्दी एवं संस्कृत दिवस ( समीक्षा )
संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है । भारत की सांस्कृतिक पहचान संस्कृत भाषा से ही है। संस्कृत देवताओं की भाष कही जाती हैं। इसके आंचल से ही हिन्दी, पाली, प्राकृत आदि कई भाषाएं विकसित हुई हैं| हिन्दी भारत की पहचान है | यह देश की संस्कृति और संस्कारों की पहचान है | हिन्दी एकता, भावना, और प्रेम की भाषा है | यह समस्त जनमानस की संवेदनाओं को प्रकट करने का सरल माध्यम है | हिन्दी राजभाषा, देश को जोड़ने वाली, राष्ट्र की वाणी और राष्ट्र की पहचान है | हिन्दी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया था | रक्षाबंधन के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है | इसी बात को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में दिनांक 27/08/2024 को हिन्दी एवं संस्कृत दिवस पर आधारित विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हिन्दी एवं संस्कृत विभाग द्वारा किया गया |
कार्यक्रम का प्रारंभ संस्कृत मंत्रोच्चारण एवं सुविचार के द्वारा हुआ | संस्कृत भाषा के महत्त्व को नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों के द्वारा अत्यंत सुंदरता के साथ प्रस्तुत किया गया, जो अत्यंत ही मनमोहक था | ‘मैं हिन्दी हूँ’ पर आधारित संवाद को काशविका, साएशा, साची एवं अन्वी ने सुंदरता के साथ दर्शाया | संस्कृत पर आधारित गीत तथा हिन्दी लघु नाटक (अक्षरों की लड़ाई) मुख्य आकर्षण रहे | कविता मन के भावों को प्रस्तुत करने का सरल माध्यम है जिसे आठवी ‘डी’ की छात्रा अनुष्का झा ने (भारत माँ की लोरी) तथा रघुकान्त ने अपनी लयात्मकता के साथ प्रस्तुत किया | विभिन्न कार्यक्रमों के साथ – साथ विद्यार्थियों के मस्तिष्क की भी परीक्षा बूझो तो जाने पहेली के माध्यम से ली गई | आशिता, आरोही, ख्याति एवं अनुष्का के द्वारा कुशलता पूर्वक मंच संचालन किया गया | कार्यक्रम के अंत में भाषा पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया गया | प्रधानाचार्य महोदय जी ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए उनकी हृदय से प्रशंसा की तथा उनका उत्साहवर्धन किया | अंत में मुख्याध्यापिका जी ने विद्यार्थियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की |